बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने श्रमिकों के मेडिकल जांच घोटाले और संयत्र की सुरक्षा लापरवाही पर जताया आक्रोश

 – DIGITAL BHILAI NEWS –


03 – सितंबर – 2025 


  • भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के हजारों ठेका श्रमिकों और नियमित कर्मचारियों को लंबे समय से लगातार कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  • इन्हीं मुद्दों को लेकर बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) ने एक प्रतिनिधि मंडल के साथ संयंत्र के CGM (सेफ्टी एवं फायर सर्विस) श्री देवदत्त सतपति से भेंट की।
  • इस दौरान यूनियन ने श्रमिक हितों से जुड़े मुद्दों को तत्काल सुलझाने की मांग रखी।

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मेडिकल जांच के नाम पर अवैध वसूली – यूनियन का बड़ा आरोप

यूनियन पदाधिकारियों ने सबसे पहले ठेका श्रमिकों की मेडिकल जांच में हो रहे कथित भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए। यूनियन का कहना है कि रूटीन मेडिकल चेकअप के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिकों को पहले “अनफिट” घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद दोबारा “फिट” घोषित करने के लिए उनसे जबरन अवैध वसूली की जाती है।

  • यूनियन ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताया।

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  • उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया न केवल श्रमिक हितों के खिलाफ है, बल्कि श्रम कानून और मानवीय मूल्यों का भी उल्लंघन है।


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प्रतिबंधित समय में भारी वाहनों की आवाजाही – सुरक्षा पर सवाल

BHILAI STEEL PLANT  परिसर में सुरक्षा नियमों के तहत कुछ समयावधि में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक है। लेकिन यूनियन का आरोप है कि इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा।

  • प्रतिबंधित समय के बावजूद भारी वाहन परिसर में बेधड़क चलते हैं

  • इससे कर्मचारियों की सुरक्षा पर लगातार खतरा बना हुआ है।
    यूनियन ने सीजीएम से अनुरोध किया कि सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए।


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असुरक्षित पाइप रेलिंग – दुर्घटना को न्योता

यूनियन ने मेन गेट निकासी गैलरी में लगी पाइप रेलिंग को पूरी तरह असुरक्षित बताया। उनका कहना है कि यह व्यवस्था किसी भी वक्त दुर्घटना का कारण बन सकती है।
यूनियन की मांग:

  • मौजूदा पाइप रेलिंग को तत्काल हटाया जाए।

  • सुरक्षित और मजबूत रेलिंग की व्यवस्था की जाए ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


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बोरिया गेट टाइमिंग – कर्मचारियों की बड़ी समस्या

BHILAI STEEL PLANT में बोरिया गेट को लेकर कर्मचारियों की समस्याएँ सबसे गंभीर मानी जा रही हैं। यूनियन ने यहां कई बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया:

  1. नाइट शिफ्ट समस्या – कर्मचारियों को रात 9:30 बजे से ही गेट पर प्रवेश मिलता है। इससे दूरदराज गांवों से आने वाले कर्मचारियों को बरसात और ठंड में गेट पर खड़े रहना पड़ता है।

    • यूनियन ने मांग की कि नाइट शिफ्ट की एंट्री टाइमिंग 9:30 की बजाय 8:30 बजे कर दी जाए।

  2. जनरल शिफ्ट समस्या – जनरल शिफ्ट में गेट केवल 6:30 बजे तक ही खुला रहता है। इससे कर्मचारी हड़बड़ी में दौड़कर या तेज वाहन चलाकर गेट तक पहुँचते हैं।

    • यूनियन ने आग्रह किया कि यह समय बढ़ाकर 7:30 बजे तक किया जाए ताकि दुर्घटनाओं की आशंका कम हो।

  3. पास संबंधी परेशानी – कुछ ठेका श्रमिकों को बोरिया गेट पास की वजह से अतिरिक्त परेशानी झेलनी पड़ रही है। यूनियन ने प्रबंधन से इनके समाधान की भी मांग रखी।

BHILAI STEEL PLANT BORIYA GATE


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यूनियन का चेतावनी भरा रुख

बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने साफ कहा है कि अगर इन समस्याओं का त्वरित समाधान नहीं किया गया तो श्रमिक हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने पर वे बाध्य होंगे। यूनियन ने यह भी संकेत दिया कि अगर हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन या प्रदर्शन जैसे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।

प्रतिनिधि मंडल में शामिल पदाधिकारी:-

भेंट के दौरान यूनियन अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से शामिल रहे:

  • शिवबहादुर सिंह

  • दिलेश्वर राव

  • शेख महमूद

  • अमित बर्मन

  • विमल पांडे

  • प्रदीप सिंह

  • मनोज डडसेना

  • राजकुमार सिंह

  • संदीप सिंह

  • रेंजी नायर

इन सभी ने एक स्वर में कहा कि BHILAI STEEL PLANT की प्रगति तभी संभव है जब श्रमिकों को सुरक्षित माहौल और उचित सुविधाएँ मिलें।


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BHILAI STEEL PLANT की अहमियत

BHILAI STEEL PLANT सिर्फ़ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश की औद्योगिक धरोहर है। यहां लाखों टन स्टील का उत्पादन होता है और हजारों श्रमिक अपनी आजीविका कमाते हैं।

  • इस संयंत्र से जुड़े श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधाएँ सीधे तौर पर भारत के औद्योगिक विकास से जुड़ी हैं।

  • इसलिए यूनियन की इन मांगों को केवल कर्मचारियों की समस्याओं तक सीमित न मानकर, देश के उद्योग और अर्थव्यवस्था से जुड़ा मुद्दा माना जाना चाहिए।


निष्कर्ष

BHILAI STEEL PLANT के श्रमिकों की ये समस्याएँ केवल कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधा का मामला नहीं हैं, बल्कि यह पूरे औद्योगिक वातावरण की सुरक्षा संस्कृति और पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती हैं।
यदि प्रबंधन समय रहते इन मुद्दों का समाधान करता है तो निश्चित रूप से इससे न सिर्फ़ कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि उत्पादन और गुणवत्ता पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।


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रिपोर्ट : DIGITAL BHILAI NEWS 

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