Inspiring Story: भिलाई स्टील प्लांट की अधिकारी Ms. Glamika Patel बनीं भारत की पहली ट्रांसजेंडर मेमोरी ट्रेनर

भिलाई इस्पात संयंत्र के BRM में कार्यरत Deputy Manager Ms. Glamika Patel ने इतिहास रच दिया है।
ग्लैमिका इंडियन मेमोरी स्पोर्ट्स काउंसिल (IMSC) द्वारा सर्टिफाइड भारत की पहली ट्रांसजेंडर मेमोरी ट्रेनर बनीं, साथ ही वो भिलाई‑दुर्ग की औपचारिक सिटी रिप्रेजेंटेटिव भी चुनी गई हैं।
यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि समाज के लिए उम्मीद, बदलाव और नई सोच की मिसाल है।
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हैदराबाद से मिली पहचान, पूरे देश ने किया सलाम
13 जुलाई 2025 का दिन ग्लैमिका की जिंदगी में मील का पत्थर साबित हुआ। हैदराबाद में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उन्होंने ट्रिपल सर्टिफिकेशन प्रोग्राम (मेमोरी स्किल्स, स्पीड रीडिंग और स्टडी स्किल्स) पूरा किया।
IMSC के प्रेसिडेंट स्क्वाड्रन लीडर जयसिम्हा की मेंटरशिप में हासिल इस प्रमाणपत्र ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। इसी समारोह में उन्हें भिलाई‑दुर्ग की आधिकारिक प्रतिनिधि चुना गया।
अनोखी मेमोरी स्किल्स से सबको चौंकाया
ग्लैमिका की प्रतिभा का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि वह—
- 100 यादृच्छिक अंकों को अलग‑अलग तरीकों से याद रखकर सुना सकती हैं।
- इंद्रधनुषी रंगों की रैंडम शृंखला को 50 पोज़िशन तक याद रख लेती हैं।
- और भी कई ऐसे डेमो देती हैं, जो दिमाग़ की अद्भुत क्षमता और ध्यान केंद्रित करने की ताकत को दर्शाते हैं।
यह हुनर उन्हें देश में ब्रेन डेवलपमेंट और मेमोरी ट्रेनिंग की दुनिया का उभरता हुआ चेहरा बनाता है।
छत्तीसगढ़ के युवाओं को बनाएंगी चैम्पियन
ग्लैमिका का अगला बड़ा लक्ष्य है भिलाई और दुर्ग के छात्रों को तैयार करना, ताकि वे 12 अक्टूबर 2025 को हैदराबाद में होने वाली इंडियन मेमोरी चैम्पियनशिप में भाग ले सकें।
उनकी ट्रेनिंग से छात्रों में आत्मविश्वास, तेज़ सीखने की क्षमता और मानसिक चुस्ती विकसित होगी।
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मेमोरी ट्रेनर से बढ़कर—एक सामाजिक चेहरा
ग्लैमिका केवल मेमोरी ट्रेनर ही नहीं हैं। वे लाइफ कोच, काउंसलर, हीलर, माइंड ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।
साथ ही, वे अपनी माँ श्रीमती जानकी बाई पटेल के संस्थान – “मनोबल महारथ सर्विसेज” में नि:स्वार्थ सेवा देकर लोगों की मदद कर रही हैं। दूसरों के लिए जीने की यह भावना उन्हें और भी खास बनाती है।
शिक्षा और करियर में भी रहीं अव्वल
- 2018 में उन्होंने GATE परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 129 हासिल किया।
- इसके बाद SAIL में मैनेजमेंट ट्रेनी (टेक्निकल) के रूप में चयनित हुईं और वर्तमान में भिलाई स्टील प्लांट में डिप्टी मैनेजर हैं।
- शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने BE, MBA पूरा किया और अब MSc (Psychology) की पढ़ाई कर रही हैं।
सरकारी स्कूल से पढ़ाई शुरू करके आज तक का उनका सफर मेहनत और लगन का बेहतरीन उदाहरण है।
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माँ के लिए बनीं ‘श्रवण कुमारी’
ग्लैमिका का अपनी माँ के प्रति समर्पण भाव सबको प्रेरित करता है। वे अक्सर माँ को व्हीलचेयर पर बैठाकर धार्मिक यात्राओं पर लेकर जाती हैं।
इसी वजह से लोग उन्हें प्यार से “श्रवण कुमारी” भी कहते हैं।
भविष्य की योजना
Digital Bhilai News से बातचीत में ग्लैमिका पटेल ने अपनी इच्छा जताई है कि वे भिलाई स्टील प्लांट के विभिन्न विभागों जैसे Learning & Development, Education आदि में विभिन्न वर्ग के लोगों को मेमोरी और माइंड ट्रेनिंग प्रशिक्षण देना चाहती हैं। उनका मानना है कि इससे न केवल कार्यस्थल की दक्षता बढ़ेगी बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास में भी सुधार आएगा।
पहचान की नई परिभाषा
ग्लैमिका पटेल आज उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो समाज की बंदिशों में सपनों को दबा देते हैं। उन्होंने साबित किया कि लिंग पहचान – क्षमता की सीमा नहीं है।
एक ट्रांसजेंडर महिला के रूप में वे साहस, करुणा, ज्ञान और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम हैं।
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निष्कर्ष
ग्लैमिका पटेल सिर्फ़ एक उपलब्धि का नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी जीवंत कहानी हैं, जो सिखाती है—
“असली महानता दिमाग़ की ताकत और दिल की करुणा में छुपी होती है।”
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रिपोर्ट : डिजिटल भिलाई न्यूज़
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