RSP कर्मचारियों का बिगुल: “बोनस फॉर्मुला खत्म करो, प्रोडक्शन बेस्ड बोनस लागू करो

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– DIGITAL BHILAI NEWS –

– 19 सितम्बर 2025 – (NEWS FROM ROURKELA) –


  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL ) प्रबंधन द्वारा अपनाए गए “कर्मचारी विरोधी बोनस फॉर्मुला” के खिलाफ राउरकेला स्टील प्लांट (RSP) कर्मचारियों ने शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया।
  • यह विरोध प्रदर्शन बिरसा चौक पर आरएकेएस (RAKS) के बैनर तले आयोजित हुआ, जिसमें कर्मचारियों ने हाथों में उत्पादन और मुनाफे से जुड़े आंकड़े वाले बैनर-पोस्टर लेकर प्रबंधन और एनजेसीएस (NJCS) यूनियनों के खिलाफ नारेबाजी की।
  • पढ़िए कर्मियों की क्या है प्रमुख मांग? 

कर्मचारियों का आक्रोश✊

  • हाथों में उत्पादन और मुनाफे से जुड़े आँकड़े लिए कर्मचारियों ने नारेबाजी की।

  • प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रबंधन और NJCS यूनियनों ने मजदूर हितों के खिलाफ समझौता किया है।

  • कर्मचारियों की साफ मांग है कि बोनस सिर्फ प्रोडक्शन के आधार पर तय होना चाहिए।

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प्रमुख मांगे :-

    • वर्तमान ASPLIS बोनस फॉर्मूला को तुरंत रद्द किया जाए।

    • बोनस को पूरी तरह प्रोडक्शन बेस्ड बनाया जाए।

    • प्रति टन क्रूड स्टील उत्पादन पर न्यूनतम ₹300 बोनस घोषित किया जाए।

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👉आरएकेएस पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि कर्मचारी केवल उत्पादन के भागीदार हैं, जबकि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और प्रबंधन निवेश, कर्ज और अन्य फैसलों के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए कर्ज़, ब्याज या प्रोजेक्ट्स का बोझ कर्मचारियों पर डालना अनुचित है।

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RAKS LEADER’S के बयान

सुधीर कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष, आरएकेएस ने कहा:
“हमारी मांग पूरी तरह से प्रोडक्शन-आधारित बोनस की है। कंपनी के कर्ज, ब्याज या डिप्रिशिएशन जैसे निर्णयों में कर्मचारियों की कोई भूमिका नहीं होती। इसलिए बोनस केवल उत्पादन के आधार पर तय होना चाहिए।”

अभिजित प्रजापति, महासचिव, आरएकेएस ने कहा:
“आरएकेएस ही एकमात्र यूनियन है जो न सिर्फ कागज और जमीन पर बल्कि कोर्ट में भी प्रबंधन और एनजेसीएस यूनियनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। कंपनी हमारी मेहनत पर चल रही है, इसलिए हमारा हिस्सा हमें मिलना ही चाहिए।”


पृष्ठभूमि और महत्व

  • SAIL का EBITDA लगातार चौथे वर्ष ₹10,000 करोड़ से ऊपर रहा है।

  • कर्मचारी यूनियनों का तर्क है कि यह उपलब्धि उत्पादन में सीधे योगदान देने वाले कर्मचारियों की मेहनत से संभव हुई है।

  • इसी आधार पर बोनस को “प्रोडक्शन लिंक्ड” करने की मांग जोर पकड़ रही है।


देखे कर्मियों के हौसलों की तस्वीरें –

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