भिलाई सेक्टर-9 अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से मौत, यूनियन ने कड़ी कार्रवाई की मांग की

– DIGITAL BHILAI NEWS –
10 – सितम्बर – 2025 – (BHILAI SECTOR 9 HOSPITAL)
- Bhilai Sector 9 Hospital में इलाज के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला मरीज की मौत हो गई।
- ओएचपी (OHP) विभाग में कार्यरत प्रवीण सिंह की माताजी, श्रीमती देवती देवी को दस्त की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था,
- लेकिन समय पर ECG टेस्ट न किए जाने और गंभीर लापरवाही के चलते उनकी जान चली गई।
- परिजनों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है और यूनियन ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
- आइए जानते है क्या है पूरा मामला❓
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घटना का पूरा विवरण✍🏻
👉दो दिन पहले देवती देवी को Bhilai Sector 9 Hospital में दस्त की शिकायत पर भर्ती कराया गया। भर्ती के बाद कल शाम अचानक उन्हें हृदय में तेज दर्द की शिकायत शुरू हुई।
👉परिजनों ने बार-बार डॉक्टरों से ECG (Electrocardiogram) टेस्ट कराने का अनुरोध किया, लेकिन डॉक्टरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लगातार आग्रह के बावजूद ECG नहीं किया गया।
👉रात करीब 12:30 बजे जब उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई, तब ECG किया गया। इस बीच स्थिति बिगड़ चुकी थी और उन्हें ICU में भर्ती करना पड़ा।
👉अगले दिन उन्हें रामकृष्ण अस्पताल रेफर करने की तैयारी की गई, लेकिन तब तक हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उन्हें ले जाना संभव नहीं हुआ और उनकी मौत हो गई।
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परिजनों का आरोप और शिकायत
परिजनों ने लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा –
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अगर समय पर ECG टेस्ट हो जाता तो सही इलाज मिल सकता था।
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डॉक्टरों की लापरवाही और लापरवाह रवैये के कारण मरीज की जान चली गई।
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Bhilai Sector 9 Hospital में यह पहली घटना नहीं है, पहले भी ऐसी लापरवाही सामने आती रही है।
यूनियन की प्रतिक्रिया
BSP Workers Union के अध्यक्ष श्री उज्ज्वल दत्ता ने इस घटना की जानकारी उच्च प्रबंधन को दी और कहा –
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“Bhilai Sector 9 Hospital में बार-बार ECG और इमरजेंसी सुविधाओं की कमी मरीजों की जान ले रही है।”
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“कैजुअल्टी विभाग में गंभीर मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल रहा।”
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“इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।”
यूनियन ने साफ कहा कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो कर्मचारियों और परिजनों का भरोसा अस्पताल से उठ जाएगा।
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Bhilai Sector 9 Hospital की व्यवस्था पर सवाल
भिलाई सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई स्टील प्लांट कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए मुख्य स्वास्थ्य केंद्र है। यहां रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में –
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डॉक्टरों की कमी और लापरवाही की शिकायते आयी है।
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फार्मेसी में लगातर ऑनलाइन ऑफलाइन की समस्या बानी हुई है।
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इमरजेंसी वार्ड में स्टाफ की कमी और धीमी कार्यप्रणाली से मरीज प्रभावित हो रहे हैं।
इस वजह से अस्पताल की विश्वसनीयता पर गहरे सवाल उठ रहे हैं।
ECG टेस्ट क्यों है ज़रूरी?
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, हृदय रोग की स्थिति में ECG टेस्ट सबसे पहली और जरूरी जांच होती है। यह तुरंत हृदय की धड़कन और ब्लॉकेज की जानकारी देता है।
अगर देवती देवी का ECG समय रहते हो जाता, तो डॉक्टरों को सही निदान मिलता और संभवतः उनकी जान बचाई जा सकती थी। यह घटना स्पष्ट करती है कि लापरवाही और देरी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।
Bhilai Sector 9 Hospital में हुई यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं बल्कि पूरे अस्पताल सिस्टम की खामियों को उजागर करती है। डॉक्टरों की लापरवाही, समय पर ECG टेस्ट न करना और इमरजेंसी सेवाओं की कमजोरी ने एक और जान ले ली।
अब आवश्यक है कि –
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दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
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अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं को मजबूत किया जाए।
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कर्मचारियों और उनके परिजनों को भरोसेमंद स्वास्थ्य सुविधा मिले।
यूनियन और परिजनों ने साफ कहा है कि इस घटना को नजरअंदाज न किया जाए और ऐसे ठोस कदम उठाए जाएं जिससे भविष्य में कोई और मरीज इस तरह की लापरवाही का शिकार न हो।
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रिपोर्ट : DIGITAL BHILAI NEWS
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