रेलवे से लेकर कोल इंडिया और EPFO तक: कॉरपोरेट सैलरी अकाउंट बीमा कवच – SAIL कर्मचारी यहां भी खाली हाथ….

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09 – सितम्बर – 2025 – (CORPORATE SALARY ACCOUNT)
- भारत के सरकारी उपक्रमों में कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर हाल के महीनों में बड़ी हलचल रही है।
- EPFO ने SBI के साथ MoU साइन कर अपने कर्मचारियों को करोड़ों रुपये का दुर्घटना बीमा कवच दिया है, वहीं कोल इंडिया ने पहले ही सभी बड़े बैंकों से CORPORATE SALARY ACCOUNT (पैकेज) का करार कर लिया था।
- रेलवे ने भी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में SBI के साथ ऐतिहासिक अनुबंध किया है, जिससे लाखों कर्मचारियों को करोड़ों का बीमा कवर मिलेगा।
- लेकिन सवाल यह है – देश की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी SAIL (Steel Authority of India Limited) कब अपने कर्मचारियों के लिए ऐसा कदम उठाएगी?
- आइये जानते है क्यों इसकी डिमांड उठ रही ?
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बैकग्राउंड: कॉरपोरेट सैलरी अकाउंट और बीमा कवच क्या है?
कॉरपोरेट सैलरी अकाउंट (Corporate Salary Account) किसी बैंक और कंपनी के बीच विशेष अनुबंध के तहत कर्मचारियों को दिया जाने वाला अकाउंट है। इसमें सामान्य सेविंग अकाउंट की तुलना में कई अतिरिक्त सुविधाएँ मिलती हैं:
- Accidental Death Insurance Cover
- Air Accident Cover
- Permanent Disability Insurance
- Natural Death Insurance
- RuPay Debit Card पर अतिरिक्त कवर
इन सुविधाओं का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कर्मचारियों को बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम या मेडिकल टेस्ट के बीमा कवरेज मिलता है। यानी दुर्घटना की स्थिति में परिजनों को तुरंत आर्थिक मदद मिल सकती है।
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हालिया घटनाएँ: मुआवजे में फर्क क्यों?
हाल ही में झारखंड के कतरास में खदान हादसे में 6 मजदूरों की मौत हो गई। इस घटना ने मुआवजे की प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा किया।
- कंपनी द्वारा मुआवजा देने के बाद, जिन मजदूरों का कॉरपोरेट सैलरी अकाउंट था, उनके परिजनों को 40 लाख रुपया अतिरिक्त मुआवजा बैंक सैलरी खाते के माध्यम से दिया गया।
- जबकि जिनका अकाउंट साधारण था, उनके परिजनों को केवल कंपनी मुवावजे के ही ₹30 लाख मिले।
यह फर्क दिखाता है कि बैंकिंग पैकेज का कर्मचारी कल्याण में कितना बड़ा महत्व है। लेकिन यह भी सच है कि सभी कर्मचारियों तक यह सुविधा समय पर नहीं पहुँच पाती।

कोल इंडिया का मॉडल:-
कोल इंडिया ने पहले ही कई बड़े बैंकों के साथ कॉरपोरेट सैलरी पैकेज का करार कर लिया है। इसके चलते:
- नियमित (विभागीय) कर्मचारियों को दुर्घटना में मृत्यु पर ₹1 करोड़ तक का बीमा कवर मिलता है।
- वहीं ठेका (कॉन्ट्रैक्चुअल) कर्मचारियों को दुर्घटना की स्थिति में ₹40 लाख तक का बीमा कवर सुनिश्चित किया गया है।
इस व्यवस्था से कर्मचारियों के परिवार को किसी दुर्घटना के बाद वित्तीय असुरक्षा का सामना नहीं करना पड़ता। कोल इंडिया का यह मॉडल अन्य PSUs (Public Sector Undertakings) के लिए एक मिसाल है।
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CORPORATE SALARY ACCOUNT से सम्बन्धित EPFO की पहल
हाल ही में EPFO ने SBI के साथ MoU साइन किया है, जिसमें अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त सुरक्षा कवच दिया गया:
- ₹1 करोड़ Accidental Death Cover
- ₹1.6 करोड़ Air Accident Cover
- ₹1 करोड़ RuPay Debit Card पर अतिरिक्त बीमा
- ₹10 लाख Natural Death Insurance

यह कदम दिखाता है कि राष्ट्रीय स्तर पर अब संस्थाएँ अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही हैं।
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रेलवे का ऐतिहासिक MoU
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में भारतीय रेलवे ने SBI के साथ एक बड़ा अनुबंध किया। इसके तहत:
- करीब 7 लाख रेलवे कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
- दुर्घटना मृत्यु पर ₹1 करोड़ तक का बीमा।
- हवाई दुर्घटना पर ₹1.6 करोड़ तक का कवर।
- स्थायी विकलांगता पर ₹1 करोड़ तक का कवरेज।
- प्राकृतिक मृत्यु पर ₹10 लाख तक की मदद।

यह कदम कर्मचारियों के परिवारों को एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करता है और रेलवे को एक संवेदनशील नियोक्ता के रूप में प्रस्तुत करता है।
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सवालों के घेरे में SAIL ?
SAIL (Steel Authority of India Limited) में लंबे समय से कर्मचारियों की यह मांग रही है कि उनके लिए भी सभी बैंकों से कॉरपोरेट सैलरी पैकेज का करार किया जाए।
- अभी तक केवल 1–2 बैंकों से सीमित करार की खबरें हैं।
- हज़ारो कर्मचारी और उनके परिवार अब भी असुरक्षित हैं।
- हादसों की स्थिति में मुआवजा तय करने में भेदभाव होता है।
जब कोल इंडिया, रेलवे और EPFO जैसे संस्थान आगे बढ़ चुके हैं, तो सवाल उठना लाज़मी है कि SAIL अपने कर्मचारियों के लिए कब कदम उठाएगा।
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SAIL के मौजूदा अनुबंध ?
हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, HDFC बैंक ने SAIL के साथ एक CORPORATE SALARY ACCOUNT MoU किया है, जिससे लगभग 60,000 ऑन‑रोल और 65,000 कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को Family Banking, Personal और Air Accident Cover जैसी सुविधाएँ मिल रही हैं। इसके अलावा, बैंक ऑफ इंडिया ने भी कर्मचारियों के लिए Accident Insurance और अन्य लाभों की घोषणा की है, हालांकि यह अभी तक पूर्ण रूप से सेंट्रल स्तर पर लागू नहीं है।

कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि SAIL को इन अनुबंधों को केवल कुछ बैंकों तक सीमित रखने के बजाय, एक सेंट्रल लेवल पर सभी सरकारी बैंकों के साथ औपचारिक करार करना चाहिए, ताकि पूरे देशभर के SAIL कर्मचारियों और उनके परिवारों को समान बीमा सुरक्षा मिल सके।
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असर और विश्लेषण
- सुरक्षा की गारंटी – यह स्कीम कर्मचारियों के मन में विश्वास पैदा करती है।
- परिवार का संरक्षण – दुर्घटना के बाद परिवार को वित्तीय मदद मिलती है।
- कंपनी की छवि – ऐसी योजनाएँ कंपनी की साख और कर्मचारियों के साथ संबंध मजबूत करती हैं।
- असमानता का सवाल – अगर एक ही क्षेत्र (Mining/Steel/PSU) में अलग-अलग कंपनियाँ कर्मचारियों को अलग स्तर की सुरक्षा देंगी, तो यह असमानता मानी जाएगी।
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भारत के कई प्रमुख संस्थान अब CORPORATE SALARY ACCOUNT के जरिए अपने कर्मचारियों को मजबूत बीमा कवच दे रहे हैं। EPFO, रेलवे और कोल इंडिया इसका उदाहरण हैं। लेकिन SAIL जैसे बड़े उपक्रम में अभी भी यह सुविधा पूरी तरह लागू नहीं हुई है।
यह समय है जब SAIL को अपने कर्मचारियों की मांग को प्राथमिकता देते हुए सभी प्रमुख बैंकों से अनुबंध करना चाहिए, ताकि हर कर्मचारी और उसके परिवार को समान सुरक्षा मिल सके।
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